भारत की आजादी
पृष्ठभूमि :
भारत कब आज़ाद हुआ था?
भारत, 15 अगस्त 1947 में आज़ाद हुआ था, आज से ठीक 72 साल पहले हमारा देश ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ। ब्रिटीशर्स ने भारत पर लगभग 200 साल तक शासन किया, ना जाने कितने लोग शहीद हुए तब जा कर भारत को आज़ादी मिली।
भारत कैसे आज़ाद हुआ?
हम में से बहुत लोग यह सवाल भी जानना चाहते होंगे की भारत अंग्रेजो का गुलाम कैसे बना तथा किस प्रकार भारत को आज़ादी मिली। इसकी शुरुवात 1600 में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना के साथ हुई। ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के मुगल बादशाह जहांगीर से इजाजत लेकर इस कंपनी का आरंभ किया। कंपनी का गठन मसाले के व्यापार के लिए किया गया था। लेकिन समय के साथ इसने कपास, रेशम, चाय, नील और अफीम का भी व्यापार शुरू कर दिया। बाद में कंपनी ने भारत के लगभग सभी क्षेत्रों पर अपना सैनिक तथा प्रशासनिक हक जमा लिया था।
विभाजन की प्रक्रिया :
सन् 1947 का भारत विभाजन भारत के लिए अत्यंत ही दुःख पूर्ण घटना थी। सदियों तक साथ-साथ रहने के बाद भी हिन्दू और मुसलमान अपने धार्मिक मतभेदों को मिटा न सके। अंग्रेजी शासन ने इस सांप्रदायिकता की भावना को निरंतर प्रोत्साहन दिया। अंग्रेजों ने फुट डालों और शासन करो की नीति को अपनाया। भारत के विभाजन के ढांचे को '3 जून प्लान' या माउण्टबैटन योजना का नाम दिया गया। भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमारेखा लंदन के वकील सर सिरिल रैडक्लिफ ने तय की। हिन्दू बहुमत वाले इलाके भारत में और मुस्लिम बहुमत वाले इलाके पाकिस्तान में शामिल किए गए। 18 जुलाई 1947 को ब्रिटिश संसद ने भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित किया, जिसमें विभाजन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया गया। इस समय ब्रिटिश भारत में बहुत से राज्य थे, जिनके राजाओं के साथ ब्रिटिश सरकार ने तरह-तरह के समझौते कर रखे थे। इन 565 राज्यों को आज़ादी दी गयी कि वे चुनें कि वे भारत या पाकिस्तान किस में शामिल होना चाहेंगे। अधिकतर राज्यों ने बहुमत धर्म के आधार पर देश चुना। जिन राज्यों के शासकों ने बहुमत धर्म के अनुकूल देश चुना, उनके एकीकरण में काफ़ी विवाद हुआ। विभाजन के बाद पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में नए सदस्य के रूप में शामिल किया गया और भारत ने ब्रिटिश भारत की कुर्सी संभाली।
भारत का विभाजन |
अंग्रेजों ने मुसलमानों की सहानुभूति प्राप्त करने के लिए हिन्दू और मुसलमानों मे अंतर करना प्रारंभ कर दिया। जैसे की मुसलमानों को सुरक्षा प्रदान करना, हिन्दुओं की राष्ट्रीयता की भावना के विरूद्ध उन्हे प्रयोग में लाने का प्रयत्य करना आदि।
1947 के भारत विभाजन के प्रमुख कारण :
1. मुस्लिम लीग की स्थापना एवं मुस्लिम साम्प्रदायिकता :
2 . कांग्रेस की संतुष्टीकरण की दुर्बल नीति
भारत-विभाजन और पाकिस्तान के निर्माण के लिए कांग्रेस की संतुष्टीकरण की दुर्बल नीति भी उत्तरदायी रही थी। कांग्रेस ने मुस्लिम लीग की अनुचित मांगो को भी स्वीकार कर लिया था। अनेक अवसरों पर कांग्रेस ने अपने सिद्धान्तों को तक त्याग दिया था। 1916 ई. का "लखनऊ समझौता" में की गई भूल जिसके अन्तर्गत कांग्रेस ने मुसलमानों के पृथक प्रतिनिधित्व और उनको उनकी जनसंख्या से अधिक अनुपात में व्यवस्थापिका-सभाओं मे सदस्य भेजने के अधिकार को स्वीकार करना था। इससे मुसलमानों को बढ़ावा मिला
3. साम्प्रदायिक हिंसा
4. पाकिस्तान की माँग
1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध का समय था यह लगभग 6 साल चला। इस युद्ध की शुरुवात तानाशाह हिटलर द्वारा हुई जिसमे लाखों लोग मारे गये। जब 1945 में यह युद्ध समाप्त हुआ उस समय तक ब्रिटेन की आर्थिक हालात काफी दयनीय हो गयी थी। उस समय वे अपने देश पर ही शासन नहीं कर पा रहे थे तो ऐसे में भारत पर शासन करना काफी मुश्किल प्रतीत हो रहा था. उसी समय 1945 में ब्रिटिश चुनाव हुए और लेबर पार्टी की जीत हुई. इस जीत के कारण आज़ादी की रुकावट कम हो गयी। क्योंकि लेबर पार्टी ने अपने मैनिफेस्टो में भारत जैसी दूसरी इंग्लिश कॉलोनियों को भी आज़ादी देने का वादा किया था।
यह निर्णय लिया गया की भारत को 1948 में आज़ादी दी जाएगी। लेकिन उस समय जिन्ना और नेहरू के बीच बंटवारा भी एक मुद्दा बना हुआ था। जिन्ना के अलग देश की मांग के कारण भारत के कई इलाकों में साम्प्रदायिक झगड़े शुरू हो गए थे। हालात ज्यादा ना बिगाड़ें इस कारण से लार्ड माउंटबैटन ने 1948 का इन्तेजार ना करते हुए 1947 को ही आजादी देने का फैसला किया। इस प्रकार भारत और पाकिस्तान अलग हुए तथा एक साथ दोनों कोआज़ादी मिली।
लेकिन बहुत से लोग पूछते है अगर पाकिस्तान 15 अगस्त को आज़ाद हुआ, तो पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को क्यों मनाते है। वास्तव में पाकिस्तान को अलग राष्ट्र की स्वीकृति 14 अगस्त को मिल गयी थी। इसी दिन ब्रिटिश लॉर्ड माउंटबेटेन ने पाकिस्तान को स्वत्रंत राष्ट्र का दर्जा देकर सत्ता सौंपी थी। साल 1948 में पाकिस्तान में आजादी की तारीख को 14 अगस्त कर दिया गया था। कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उस दिन रमजान का 27वां दिन था। जो इस्लामी कैलेंडर के अनुसार खास और पवित्र दिन माना जाता है।
आजादी के समय क्रांतिकारी :
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- मंगल पांडे मंगल पांडे देश की आजादी का बिगुल बजाया था।
- खुदीराम बोस खुदीराम बोस का जन्म 3 दिसंबर 1889 को पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले के बहुवैनी नामक गांव में हुआ था।
- भगत सिंह उन दिनों शहीद भगत सिंह का एक नारा था, जो आज 'इंक़लाब ज़िंदाबाद' के नाम से हर देशवासियों की जबान पर है।
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