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तुलू भाषा : भारतीय विरासत और संस्कृति


तुलू भाषा : भारतीय विरासत और संस्कृति


तुलू भाषा : भारतीय विरासत और संस्कृति


मुख्य रूप से कर्नाटक और केरल में तुलू भाषी लोगों ने सरकार से इसे आधिकारिक भाषा का दर्ज़ा देने और संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का अनुरोध किया है।

  • वर्ष 2020 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy- NEP) में तुलू को शामिल करने की मांग उठी थी।

किसी राज्य की राजभाषा या भाषाएँ :

  • भारतीय संविधान का भाग XVII अनुच्छेद 343 से 351 में राजभाषा से संबंधित है।
  • संविधान का अनुच्छेद 345 कहता है, कि "राज्य का विधानमंडल कानून द्वारा राज्य में उपयोग की जाने वाली किसी एक या अधिक भाषाओं को या हिंदी को उस राज्य के सभी या किसी भी आधिकारिक उद्देश्य के लिये उपयोग की जाने वाली भाषा के रूप में अपना सकता है"

संविधान की आठवीं अनुसूची :

  • आठवीं अनुसूची से संबंधित संवैधानिक प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 344 (1) और 351 में हैं।
  • आठवीं अनुसूची के तहत सूचीबद्ध भाषाएँ हैं:
    • (1) असमिया (2) बांग्ला (3) गुजराती (4) हिंदी (5) कन्नड़ (6) कश्मीरी (7) कोंकणी (8) मलयालम (9) मणिपुरी (10) मराठी (11) नेपाली (12) उड़िया (13) पंजाबी (14) संस्कृत (15) सिंधी (16) तमिल (17) तेलुगु (18) उर्दू (19) बोडो (20) संथाली ( 21) मैथिली और (22) डोगरी।
  • भाषाओं को संवैधानिक संशोधनों के माध्यम से जोड़ा जाता है।

प्रमुख बिंदु -

तुलू भाषा : भारतीय विरासत और संस्कृति

'तुलू' भाषा के बारे में:

  • तुलू (Tulu) एक द्रविड़ भाषा है, जिसे बोलने-समझने वाले लोग मुख्यतया कर्नाटक के दो तटीय ज़िलों और केरल के कासरागोड ज़िले में रहते हैं।
    • दक्षिण भारत के केरल और कर्नाटक राज्यों के तुलू बाहुल्य क्षेत्र को तुलूनाडू नाम से भी जाना जाता है। तुलूनाडू को अलग राज्य का दर्ज़ा देने की मांग की जा रही है।
  • जनगणना 2011 के अनुसार, तुलू भाषी (तुलू भाषा बोलने वाले) स्थानीय लोगों की संख्या लगभग 18,46,427 थी।
  • तुलू में सबसे पुराने उपलब्ध शिलालेख 14वीं से 15वीं शताब्दी ईस्वी के बीच के हैं।
  • कुछ वर्ष पहले कर्नाटक सरकार द्वारा तुलू को स्कूल में एक भाषा के रूप में पेश किया गया था।

तुलू भाषा की कला और संस्कृति :

  • तुलू में लोकगीत रूपों जैसे- पद्दना (Paddana) और पारंपरिक लोक रंगमंच यक्षगान के साथ एक समृद्ध मौखिक साहित्य परंपरा है।
  • तुलू में सिनेमा की एक सक्रिय परंपरा भी है, जिसमें प्रतिवर्ष लगभग 5 से 7 फिल्में तुलु भाषा में बनती हैं।

मान्यता का मामला :

  • संविधान का अनुच्छेद 29 : यह "अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण" से संबंधित है। इसमें कहा गया है, कि भारत के राज्य क्षेत्र या उसके किसी भाग के निवासी नागरिकों के किसी अनुभाग,  जिसकी अपनी विशेष भाषा, लिपि या संस्कृति है, को बनाए रखने का अधिकार होगा।
  • युलु उद्घोषणा :
    • युलु उद्घोषणा (Yuelu Proclamation) को यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन) द्वारा 2018 में सेंट्रल चीन के हुनान प्रांत के चांग्शा में भाषा संसाधन संरक्षण पर पहले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में अपनाया गया था।
    • यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, राज्यों, सरकारों और गैर-सरकारी संगठनों से विश्व में भाषायी विविधता के संरक्षण और संवर्द्धन पर आम सहमति पर पहुँचने का आह्वान करता है।
  • आठवीं अनुसूची के तहत मान्यता के लाभ :
    • साहित्य अकादमी से मान्यता।
    • साहित्य अकादमी को भारत की राष्ट्रीय पत्र अकादमी भी कहा जाता है, जो विभिन्न भारतीय भाषाओं में निहित साहित्य को संरक्षित करती है, और उन्हें बढ़ावा देती है।
    • तुलू साहित्यिक कृतियों का अन्य भाषाओं में अनुवाद।
    • संसद सदस्य (Members of Parliament- MP) और विधानसभा के सदस्य (Members of the Legislative Assembly- MLA) क्रमशः संसद और राज्य विधानसभाओं में तुलु बोल सकते हैं।
    • सिविल सेवा परीक्षा जैसी अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षाओं में तुलू में परीक्षा देने का विकल्प।
    • केंद्र सरकार की ओर से विशेष फंड।
    • प्राथमिक और हाईस्कूल में तुलू का अध्यापन



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