स्टैच्यू ऑफ यूनिटी : चर्चा में क्यों?
हाल ही में गुजरात के नर्मदा ज़िले के केवडिया में स्थित " स्टैच्यू ऑफ यूनिटी " (वर्ष 2018 में उद्घाटन से अब तक) को देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या 50 लाख से अधिक हो चुकी है।
- 31 अक्तूबर 2020 को गुजरात में भारत की पहली सीप्लेन सेवा (First Seaplane Service) शुरू हुई। यह अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट (Sabarmati Riverfront) को केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) से जोड़ती है।
प्रमुख बिंदु :
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बारे में :
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण सरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में किया गया है। स्वतंत्र भारत में 560 रियासतों को एकजुट करने का श्रेय सरदार पटेल को दिया जाता है, इसलिये इस प्रतिमा का नाम ' स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ’रखा गया है।
- सरदार पटेल की 143वीं जयंती के अवसर पर 31 अक्तूबर, 2018 को इसका उद्घाटन किया गया।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विश्व की सबसे ऊंँची (182 मीटर) मूर्ति है। यह चीन की स्प्रिंग टेम्पल बुद्ध प्रतिमा (Spring Temple Buddha statue) से 23 मीटर ऊंँची तथा अमेरिका में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर लंबा) की ऊंँचाई की लगभग दोगुनी है।
- जनवरी 2020 में इसे शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation- SCO) के आठ अजूबों में शामिल किया गया था।
अवस्थिति:
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भारत के प्रथम उप प्रधानमन्त्री तथा प्रथम गृहमन्त्री वल्लभभाई पटेल को समर्पित एक स्मारक है, जो भारतीय राज्य गुजरात में स्थित है। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2013 को सरदार पटेल के जन्मदिवस के मौके पर इस विशालकाय मूर्ति के निर्माण का शिलान्यास किया था। यह स्मारक सरदार सरोवर बांध से 3.2 किमी की दूरी पर साधू बेट नामक स्थान पर है,जो कि नर्मदा नदी पर एक टापू है। यह स्थान भारतीय राज्य गुजरात के भरुच के निकट नर्मदा जिले में स्थित है।
डिज़ाइन :
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का डिज़ाइन पद्म भूषण पुरस्कार प्राप्तकर्त्ता मूर्तिकार राम वी सुतार द्वारा तैयार किया गया था और इस प्रतिमा का जटिल कांस्य क्लैडिंग कार्य चीनी फाउंड्री, जियांग्शी टॉकाइन कंपनी (Jiangxi Toqine Company- JTQ) द्वारा किया गया।
- प्रारम्भ में इस परियोजना की कुल लागत भारत सरकार द्वारा लगभग ₹3,000 करोड़ (US$438 मिलियन) रखी गयी थी, बाद में लार्सन एंड टूब्रो ने अक्टूबर 2014 में सबसे कम ₹2,989 करोड़ (US$436.39 मिलियन) की बोली लगाई, जिसमें आकृति, निर्माण तथा रखरखाव शामिल था। निर्माण कार्य का प्रारम्भ 31 अक्टूबर 2013 को प्रारम्भ हुआ।मूर्ति का निर्माण कार्य मध्य अक्टूबर 2018 में समाप्त हो गया। इसका उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 31 अक्टूबर 2018 को सरदार पटेल के जन्मदिवस के मौके पर किया गया।
परियोजना :
भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित यह स्मारक नर्मदा बांध की दिशा में, उससे 3.2 किमी दूर साधू बेट नामक नदी द्वीप पर बनाया गया है। आधार सहित इस मूर्ति की कुल ऊँचाई 240 मीटर है जिसमे 58 मीटर का आधार तथा 182 मीटर की मूर्ति है। यह मूर्ति इस्पात साँचे, प्रबलित कंक्रीट तथा कांस्य लेपन से युक्त है। इस स्मारक की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- मूर्ति पर कांस्य लेपन
- स्मारक तक पहुँचने के लिये लिफ्ट
- मूर्ति का त्रि-स्तरीय आधार, जिसमे प्रदर्शनी फ्लोर, छज्जा और छत शामिल हैं। छत पर स्मारक उपवन, विशाल संग्रहालय तथा प्रदर्शनी हॉल है जिसमे सरदार पटेल की जीवन तथा योगदानों को दर्शाया गया है।
- एक नदी से 500 फिट ऊँचा आब्जर्वर डेक का भी निर्माण किया गया है जिसमे एक ही समय में दो सौ लोग मूर्ति का निरिक्षण कर सकते हैं।
- नाव के द्वारा केवल 5 मिनट में मूर्ति तक पहुँचा जा सकेगा।
- एक आधुनिक पब्लिक प्लाज़ा भी बनाया गया है, जिससे नर्मदा नदी व मूर्ति देखी जा सकती है। इसमें खान-पान स्टॉल, उपहार की दुकानें, रिटेल और अन्य सुविधाएँ शामिल हैं, जिससे पर्यटकों को अच्छा अनुभव होगा।
- प्रत्येक सोमवार को रखरखाव के लिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्मारक बंद रहता है।
वित्तीय सहायता :
स्मारक सार्वजनिक-निजी साझेदारी के माध्यम से बना है, जिसमे अधिकांश भाग गुजरात सरकार का है। गुजरात सरकार ने 2012-13 बजट में इस हेतु ₹100 करोड़ तथा 2014-15 में ₹500 करोड़ आवंटित किये थे। 2014-15 भारतीय संघ के बजट में इस मूर्ति के निर्माण हेतु ₹2 अरब आवंटित किये गये।
सरदार वल्लभ भाई पटेल :
जन्म :
वल्लभभाई झावेरभाई पटेल (31 अक्टूबर 1875 – 15 दिसंबर 1950), जो सरदार पटेल के नाम से लोकप्रिय थे, एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वे एक भारतीय अधिवक्ता और राजनेता थे, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और भारतीय गणराज्य के संस्थापक पिता थे जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत, स्वतंत्र राष्ट्र में अपने एकीकरण का मार्गदर्शन किया। भारत और अन्य जगहों पर, उन्हें अक्सर हिंदी, उर्दू और फ़ारसी में सरदार कहा जाता था, जिसका अर्थ है "प्रमुख"। उन्होंने भारत के राजनीतिक एकीकरण और 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। पटेल का जन्म नडियाद, गुजरात में एक लेवा पटेल(पाटीदार) जाति में हुआ था। वे झवेरभाई पटेल एवं लाडबा देवी की चौथी संतान थे। सोमाभाई, नरसीभाई और विट्टलभाई उनके अग्रज थे। उनकी शिक्षा मुख्यतः स्वाध्याय से ही हुई। लन्दन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लिया।
उपलब्धियांँ :
- सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री बने।
- वह भारतीय संविधान सभा की निम्नलिखित समितियों के प्रमुख रहे:
- मौलिक अधिकारों पर सलाहकार समिति।
- अल्पसंख्यकों और जनजातीय तथा बहिष्कृत क्षेत्रों पर नियुक्त समिति।
- प्रांतीय संविधान समिति।
- राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में खेड़ा सत्याग्रह (1918) और बारदोली सत्याग्रह (1928) के मुद्दों पर किसानों को एकत्रित करना।
- बारदोली की महिलाओं द्वारा वल्लभ भाई पटेल को 'सरदार' की उपाधि से सम्मानित किया गया, जिसका अर्थ है ' प्रमुख या नेता'।
- भारतीय रियासतों को भारतीय महासंघ में एकीकरण के लिये राज़ी करने तथा इस कार्य में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने हेतु सरदार पटेल को ‘भारत के लौह पुरुष’ (Iron Man of India) के रूप में जाना जाता है।
- उन्होंने भारत को एक अग्रणी भारत (श्रेष्ठ भारत) बनाने हेतु भारतीय लोगों से एकजुट होने का अनुरोध किया।
- यह विचारधारा वर्तमान में आत्मनिर्भर भारत पहल (Atmanirbhar Bharat Initiative) के रूप में परिलक्षित है जो भारत को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करती है।
- सरदार पटेल को आधुनिक अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना करने हेतु ‘भारतीय सिविल सेवकों के संरक्षक संत' (Patron Saint of India’s Civil Servants) के रूप में भी जाना जाता है।
- अहमदाबाद के हवाई अड्डे का नामकरण सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र रखा गया है।
- गुजरात के वल्लभ विद्यानगर में सरदार पटेल विश्वविद्यालय
- सन 1991 में मरणोपरान्त भारत रत्न से सम्मानित।
मृत्यु:
- सरदार पटेल की मृत्यु 15 दिसंबर, 1950 को बॉम्बे (वर्तमान मुंबई ) में हुई।
- The Statue of Unity was designed by Padma Bhushan awardee sculptor Ram V. Sutar and the intricate bronze cladding work of this statue was done by the Chinese foundry, Jiangxi Touqine Company (Jiangxi Toqine Company- JTQ).
- Initially the total cost of the project was set by the Government of India at around ₹ 3,000 crore (US $ 438 million), Larsen & Toubro subsequently bid the lowest at ₹ 2,989 crore (US $ 436.39 million) in October 2014, including design, construction. And maintenance. The construction work started on 31 October 2013. The construction work of the Murti was finished in mid-October 2018. It was inaugurated by Prime Minister of India, Narendra Modi on the occasion of Sardar Patel's birthday on 31 October 2018.
- Bronze coating on the statue
- Lift to reach the monument
- The three-tier base of the statue, which includes the exhibition floor, balcony and terrace. On the roof is a memorial garden, a huge museum and an exhibition hall, which depicts the life and contributions of Sardar Patel.
- An observer deck 500 feet high has also been constructed from a river in which two hundred people can inspect the idol at the same time.
- The idol can be reached by boat in just 5 minutes.
- A modern public plaza has also been built, from which the Narmada River and the statue can be seen. This includes catering stalls, gift shops, retail and other facilities, which will give tourists a good experience.
- The Statue of Unity memorial is closed for maintenance every Monday.
- Sardar Vallabhbhai Patel became the first Home Minister and Deputy Prime Minister of India.
- He was the head of the following committees of the Indian Constituent Assembly:
- Advisory Committee on Fundamental Rights.
- Appointed Committee on Minorities and Tribal and Excluded Areas.
- Provincial Constitution Committee.
- To mobilize the farmers on the issues of Kheda Satyagraha (1918) and Bardoli Satyagraha (1928) in the national independence movement.
- Vallabhbhai Patel was conferred the title of 'Sardar' by women of Bardoli, which means 'chief or leader'.
- Sardar Patel is known as the 'Iron Man of India' to persuade the Indian princely states for integration into the Indian federation and play an important role in this task.
- He requested the Indian people to unite to make India a leading India (Shreshtha Bharat).
- This ideology is currently reflected in the Atmanirbhar Bharat Initiative that strives to make India self-reliant.
- Sardar Patel is also known as 'Patron Saint of India’s Civil Servants' for establishing modern all-India services.
- The Ahmedabad airport is named Sardar Vallabhbhai Patel International Airport.
- Sardar Patel University in Vallabh Vidyanagar, Gujarat
- Honored with Bharat Ratna posthumously in 1991.
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