कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर (COVID-19 Second Wave)
- वर्तमान में भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर देखने को मिल रही है। कई राज्यों में बहुत तेजी से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं।
- हालांकि विशेषज्ञों का कहना है, कि महामारियों के इतिहास को देखते हुए कह सकते हैं, कि कोविड-19 महामारी का बर्ताव असामान्य नहीं है। महामारी की ‘वेव्स’ कई बार आती हैं।
महामारी के दूसरी लहर के कारण :
- महामारी के दौरान तापमान में उतार-चढ़ाव आना
- संक्रमण में मौसम के साथ आने वाला उतार-चढ़ाव
- कोरोना वायरस के नए वैरिएंट्स का सामने आना
- नए कोरोना वायरस के प्रति लोगों में प्रतिरोधक क्षमता का अभाव
- कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए यूनिवर्सल टीकाकरण का अभाव
- कोविड-19 महामारी के प्रति लापरवाही
- लोगों में जागरूकता की कमी
- सामाजिक दूरी के नियमों का पूरी तरह से पालन नहीं करना
- कोविड-19 महामारी के दौरान चुनाव व अन्य सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
- सरकारी स्तर पर भी कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए ढिलाई बरती गई।
भारत में टीकाकरण :
- वर्तमान में भारत में कोविड-19 से बचाव के लिए दो वैक्सीन लगाई जा रही हैं - कोविशील्ड और कोवैक्सीन। इन वैक्सीन को "ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया"(डीसीजीआई) ने अनुमति दी है।
- कोवैक्सीन पूरी तरह भारत की अपनी वैक्सीन है, जिसे 'स्वदेशी वैक्सीन' भी कहा जा रहा है। इसे भारत बायोटेक कंपनी इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर बना रही है।
- जबकि कोविशील्ड ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका का भारतीय संस्करण है। इसे भारत में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया कंपनी बना रही है।
- भारत में कोविड के बढ़ते नए मामलों के साथ-साथ देश में कोरोना के टीकाकरण के अभियान की गति भी तेज़ हुई है। भारत ने अब तक क़रीब साढ़े छह करोड़ लोगों को कोविड-19 का टीका लगाने में सफलता प्राप्त की है।
- भारत का कोविड की वैक्सीन लगाने का साप्ताहिक औसत 22 लाख के पार चला गया है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आगे भी टीकाकरण की यही रफ़्तार रहती है, तो 75 प्रतिशत आबादी को टीका लगाने में 3.1 वर्ष लग जाएंगे।
- जहां तक वैक्सीन की कुल ख़ुराक देने का मामला है, तो महाराष्ट्र के बाद राजस्थान (54 लाख टीकों के साथ) दूसरे नंबर पर और उत्तर प्रदेश (53 लाख टीके) तीसरे स्थान पर है। वहीं, ज़्यादा केस होने के बावजूद राजधानी दिल्ली में टीकाकरण की रफ़्तार बेहद धीमी है।
- पंजाब भी कोविड का टीका लगाने में बहुत पीछे चल रहा है। अब तक पंजाब सात लाख से कुछ ही ज़्यादा लोगों को टीका लगा सका है।
सुझाव :
- बहुत अधिक लोगों की जान गंवाए बिना किसी भी महामारी को रोकने का एक ही तरीक़ा है, बड़े पैमाने पर लोगों का टीकाकरण करना। अतः सरकार को टीकाकरण की रफ्तार बढ़ानी चाहिए।
- मोटे तौर पर देखें तो अब तक, भारत की क़रीब 90 लाख आबादी को वैक्सीन की दोनों ख़ुराक दी जा चुकी हैं। अगस्त महीने तक अपनी एक चौथाई आबादी को कोविड-19 का टीका लगाने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए भारत को अपने टीकाकरण की रफ़्तार बढ़ानी होगी।
- सरकार को कोरोना वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
- लोगों में इस महामारी के प्रति जागरूकता को बढ़ाना।
- सरकार को कोविड-19 महामारी को रोकने हेतु लघुकालीन व दीर्घकालीन दोनों प्रकार की रणनीतियाँ बनानी चाहिए।
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