कुलभूषण जाधव मामला : अन्तराष्ट्रीय सम्बन्ध
पाकिस्तान ने भारत से कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा के संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के फैसले को लागू करने हेतु वकील नियुक्त करने का आग्रह किया है।
कुलभूषण जाधव :
- कुलभूषण जाधव का जन्म 1970 में महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था।
- 3 मार्च 2016 को पाकिस्तान ने कहा कि रिटायर्ड भारतीय नौसेना अधिकारी, पाकिस्तान के बलूचिस्तान से जासूसी के मामले में पकड़े गए हैं।
- भारत ने ये तो माना कि कुलभूषण भारतीय नागरिक हैं लेकिन उनके जासूस होने की बात से इनकार किया। भारत सरकार ने कहा कि कुलभूषण ईरान से क़ानूनी तरीक़े से अपना कारोबार चला रहे थे और उनके अपहरण की आशंका जताई।
- पाकिस्तान ने 25 मार्च 2016 को भारतीय प्रशासन को प्रेस रिलीज़ के ज़रिये जाधव की गिरफ़्तारी के बारे में सूचित किया। भारत ने ये तो माना कि कुलभूषण भारतीय नागरिक हैं लेकिन उनके जासूस होने की बात से इनकार किया।
- पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के कथित इक़बालिया बयान का एक वीडियो जारी किया।
- वीडियो में कुलभूषण को ये कहते हुए बताया गया कि वो 1991 में भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे।
- जारी किए गए वीडियो में कुलभूषण ने कहा कि उन्होंने 1987 में नेशनल डिफेंस एकेडमी ज्वॉइन की थी।
- छह मिनट के इस वीडियो में कुलभूषण ने ये बताया कि उन्होंने साल 2013 में रॉ के लिए काम करना शुरू किया था।
- 7 दिसंबर 2016 को तत्कालीन पाकिस्तानी विदेश मंत्री सरताज अज़ीज़ ने देश की संसद में कहा कि जाधव के ख़िलाफ़ ठोस सबूत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जाधव से जुड़े डोज़ियर में कुछ बयान मात्र हैं और उसमें कोई निर्णायक सबूत नहीं हैं। विदेश मंत्रालय ने उसी दिन बयान जारी कर कहा कि यह बयान ग़लत है।
- 30 मार्च, 2016 को भारतीय विदेश मंत्रालय का जवाब आया कि कुलभूषण जाधव को प्रताड़ित किया जा रहा है।
- 26 अप्रैल 2017 को पाकिस्तान ने जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस का भारत का निवेदन 16वीं बार ख़ारिज कर दिया।
- 10 अप्रैल 2017 को पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग (ISPR) ने एक प्रेस रिलीज़ के ज़रिये सूचित किया कि जाधव को एक सैन्य अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई है।
- 6 जनवरी 2017 को पाकिस्तान ने कहा कि उसने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश को इस्लामाबाद में भारत के दख़ल और देश को अस्थिर करने की कोशिशों के संबंध में एक डोज़ियर सौंपा है।
- कॉन्सुलर एक्सेस के 16 बार निवेदन ठुकराए जाने के बाद 8 मई 2017 को भारत ने संयुक्त राष्ट्र में याचिका दाख़िल की। भारत ने इसे विएना संधि का उल्लंघन बताया।
- 9 मई 2017 को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस (आईसीजे) ने जाधव की मौत की सज़ा पर सुनवाई पूरी होने तक रोक लगा दी।
- 17 जुलाई 2018 को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने 400 पन्नों का जवाब आईसीजे को सौंपा।
- 17 अप्रैल 2018 को भारत ने दूसरे दौर का जवाब आईसीजे को सौंपा।
प्रमुख बिंदु :
कुलभूषण जाधव मामला :
- कुलभूषण जाधव को अप्रैल 2017 में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी।
- भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में एक सैन्य अदालत ने भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी के लिए जासूसी और आतंकवाद का दोषी पाया है, और उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई है। भारत अंतरराष्ट्रीय अदालत से इस मामले में राहत की उम्मीद कर रहा है।
- भारत ने जाधव तक राजनयिक पहुँच सुनिश्चित करने (वियना कन्वेंशन) से इनकार करने और मौत की सजा को चुनौती देने पाकिस्तान के निर्णय के खिलाफ ICJ में संपर्क किया।
- ICJ ने जुलाई 2019 में अपना निर्णय सुनाया, कि पाकिस्तान को जाधव की सजा और दोषसिद्धि की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करना चाहिये, तथा बिना देरी के भारत को राजनयिक पहुँच प्रदान करनी चाहिये।
- इसने पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा जाधव को दी गई सज़ा के खिलाफ अपील के लिये एक उचित मंच प्रदान करने के लिये कहा था।
भारत के लिये 'प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार' के निहितार्थ :
- प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार सामान्य समीक्षा से अलग है।
- इसमें राजनयिक पहुँच प्रदान करना और अपने बचाव हेतु जाधव की मदद करना शामिल है।
- इसका मतलब है कि पाकिस्तान को आरोपों का खुलासा करना होगा और उन साक्ष्यों को भी प्रस्तुत करना होगा जो अभी तक प्रस्तुत नहीं किये गए हैं।
- पाकिस्तान को उन परिस्थितियों का भी खुलासा करना होगा जिनमें जाधव का कबूलनामा सेना द्वारा लिया गया था।
- तात्पर्य यह है कि जो भी फोरम या अदालत जाधव के मामले की सुनवाई करती है, उसे अपना बचाव करने का अधिकार होगा।
- भारत, पाकिस्तान के इस दावे को ख़ारिज करता रहा है. कि जाधव को 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ़्तार किया गया था। भारत का दावा है कि जाधव को ईरान से अग़वा किया गया था, जहां उनका निजी व्यापार था।
- भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में यह दलील दी है, कि जाधव को 'कॉन्सुलर एक्सेस' यानी भारतीय दूतावास के अधिकारियों से बात करने का हक़ न देकर पाकिस्तान ने विएना संधि का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान का कहना है, कि जासूसी के मामले में दोषी को 'कॉन्सुलर एक्सेस' नहीं दिया जा सकता।
वियना कन्वेंशन :
- राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है, जो स्वतंत्र राज्यों के बीच राजनयिक संबंधों को परिभाषित करती है।
- एक राजदूत (जो एक राजनयिक नहीं है), किसी मेज़बान देश में एक विदेशी राज्य का प्रतिनिधि होता है, जो अपने देशवासियों के हितों के लिये काम करता है।
- वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद-36 में कहा गया है, कि मेज़बान देश में गिरफ्तार या हिरासत में लिये गए विदेशी नागरिकों को उनकी गिरफ्तारी की सूचना दिये बिना उनके दूतावास या वाणिज्य दूतावास को बिना देरी के नोटिस दिया जाना चाहिये।
- यदि हिरासत में लिया गया विदेशी नागरिक ऐसा अनुरोध करता है, तो पुलिस को दूतावास या वाणिज्य दूतावास को उस नोटिस को फैक्स करना चाहिये, जिसके द्वारा हिरासत में लिये गए व्यक्ति का सत्यापन किया जा सकता है।
- दूतावास को यह नोटिस एक फैक्स के माध्यम से सरलतम रूप में दिया जा सकता है, जिसमें व्यक्ति का नाम, गिरफ्तारी का स्थान और यदि संभव हो तो गिरफ्तारी या हिरासत के कारणों के बारे में बताया जा सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय :
- ICJ संयुक्त राष्ट्र (UN) का एक प्रमुख न्यायिक संगठन है। यह वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा स्थापित किया गया था, और इसने वर्ष 1946 में स्थायी न्यायालय के अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक उत्तराधिकारी के रूप में काम करना शुरू किया।
- यह सदस्य देशों के बीच कानूनी विवादों को सुलझाता है, और संयुक्त राष्ट्र संगठन एवं अधिकृत विशिष्ट एजेंसियों को सलाहकारी राय देता है।
- भारतीय न्यायाधीश दलवीर भंडारी अप्रैल 2012 से ICJ के सदस्य हैं।
- ICJ नीदरलैंड के हेग के पीस पैलेस में स्थित है।
__________________________________________________________________________
0 Comments