12वां राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (12th National Panchayati Raj Day) : विशेष
- हाल ही में 24 अप्रैल, 2021 को 12वां राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (12th National Panchayati Raj Day) मनाया गया है।
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2021(National Panchayat Awards-2021) भी प्रदान किए।
भारत में पंचायती राज का इतिहास (History of Panchayati Raj in India) :
भारत एक बहुत ही विस्तृत देश है, और इसे विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है। कई प्रदेशों में जनसँख्या और क्षेत्रफल अधिक होने के कारण प्रदेश के सबसे ऊंचे पर पर बैठा व्यक्ति ग्रामीण इलाकों के लोगों की समस्याओं से अवगत नहीं हो पाता था, इसलिए यह तय किया गया कि देश में लोकतंत्र की जड़ों को पेड़ की जड़ों की तरह फैलाया जाये।
इस काम के लिए बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में 1957 में एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने अपनी सिफारिस में जनतांत्रिक विकेंद्रीकरण की सिफारिश की जिसे पंचायती राज कहा गया है। समिति ने 3 स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की बात कही थी -
क). ग्राम स्तरीय पंचायत
ख). प्रखंड (ब्लॉक) स्तरीय पंचायत
ग). जिला स्तरीय पंचायत
राजस्थान देश का पहला राज्य था, जहाँ पर पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया गया था। इस योजना का शुभारम्भ प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने नागौर जिले में 2 अक्टूबर 1959 को किया था, इसके बाद इस योजना को 1959 में ही आंध्र प्रदेश में लागू किया गया था।
पंचायती राज दिवस मनाने का कारण(National Panchayati Raj day) :
भारत में पंचायती राज व्यवस्था की देखरेख के लिए 27 मई 2004 को पंचायती राज मंत्रालय को एक अलग मंत्रालय बनाया गया। भारत में हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का कारण 73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 है, जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ था। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (NPRD) 2010 से 24 अप्रैल को मनाया जा रहा है।
- 73वें संविधान संशोधन अधिनियम के लागू होने के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय द्वारा ‘राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस’ (National Panchayati Raj Day) मनाया जाता है।
- इस दिवस को मनाने की शुरुआत वर्ष 2010 में हुई थी। उस समय भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 24 अप्रैल, 2010 को पहला राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया था।
- 24 अप्रैल, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों से आह्वान किया था कि वे "सरपंच पति" की प्रथा की समाप्ति की ओर अग्रसर हों।
73वां संविधान संशोधन अधिनियम :
- लोकतंत्र की सफलता इसमें निहित है, जब शासन के सभी स्तरों पर जनता की भागीदारी सुनिश्चित हो। इसीलिए पंचायती राजव्यवस्था लाने के लिए संसद ने 24 अप्रैल, 1992 को 73वें संविधान संशोधन अधिनियम को पारित किया । हालांकि यह अधिनियम 1993 से लागू हुआ।
- 73वें संविधान संशोधन अधिनियम के तहत तीन स्तरीय पंचायत प्रणाली का प्रावधान किया गया है: ग्राम, मध्यवर्ती और जिला स्तर ।
- 73वें संविधान संशोधन अधिनियम के द्वारा संविधान में भाग-9 जोड़ा गया है। इसके अलावा, इस संविधान संशोधन अधिनियम के द्वारा भारतीय संविधान में 11वीं अनुसूची भी जोड़ी गई है।
राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2021(National Panchayat Awards-2021) :
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस(24 अप्रैल, 2021) के अवसर पर राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2021(National Panchayat Awards-2021) प्रदान किए हैं।
- राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2021 निम्नलिखित श्रेणियों के अंतर्गत दिए जा रहे हैं :-
- दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार (224 पंचायतों को)
- नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार (30 ग्राम पंचायतों को)
- ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार (29 ग्राम पंचायतों को)
- बच्चों के अनुकूल ग्राम पंचायत पुरस्कार (30 ग्राम पंचायतों को)
- ई-पंचायत पुरस्कार (12 राज्यों को)
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2021 के तहत विभिन्न श्रेणियों में 5 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक पुरस्कार धनराशि (अनुदान सहायता के रूप में) हस्तांतरित की है। उल्लेखनीय है कि यह धनराशि रियल टाइम आधार पर पंचायतों के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित हुई है।
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