ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बांध के निर्माण की योजना :भविष्य में भारत से युद्ध का खतरा !
हाल ही में चीन की संसद ने नई पंचवर्षीय योजना (2021-2025) का एक प्रारूप पेश किया जिसमे उसने ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra River) पर बांध बनाने की योजना को मंजूरी दी है। चीन, अरुणाचल प्रदेश से सटे तिब्बत के इलाके में ब्रह्मपुत्र नदी पर हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट बनाने की तैयार कर रहा है।
चीन, तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक महत्वपूर्ण बांध का निर्माण करने की तैयारी कर रहा है। इसको लेकर एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा ये बांध का निर्माण चीन के लिए खतरा बन सकता है और इसको लेकर भविष्य में भारत के साथ युद्ध का खतरा है। एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने दुनिया की सबसे ऊंची नदी यारलुंग जंग्बो नदी (ब्रह्मपुत्र का तिब्बती नाम) पर बांध बनाने की योजना बनाई है जिस कारण उसके भारत के साथ संघर्ष की संभावना है।
चीन यारलुंग जंग्बो नदी (ब्रह्मपुत्र का तिब्बती नाम) पर एक मेगा-डैम बनाने की योजना बना रहा है, जो तिब्बत से होकर बहती है और अंततः भारत में प्रवेश करते ही ब्रह्मपुत्र नदी बन जाती है। एशिया टाइम्स ने जानकारी दी है कि बांग्लादेश, जो चीन के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध रखता है उसने भी यारलुंग जंग्बो नदी (ब्रह्मपुत्र का तिब्बती नाम) पर डैम का विरोध किया है।
ब्रह्मपुत्र नदी के बारे में :
- तिब्बत स्थित मानसरोवर झील के पास कैलाश पर्वत के चेमायुंगडुंग (Chemayungdung) ग्लेशियर से सांगपो नदी निकलती है , जब यह नदी पश्चिमी कैलाश पर्वत के ढाल से नीचे उतरती है तो ब्रह्मपुत्र कहलाती है । चीन में ब्रह्मपुत्र नदी को यारलंग जैंगबो ((Yarlung Zangbo))नदी कहा जाता है।
- इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ, दिबांग, लोहित, सियांग, बुढ़ी दिहिंग, तीस्ता और धनसरी हैं। ब्रह्मपुत्र नदी, अरूणाचल प्रदेश में वृहद् हिमालय को काटकर एक गहरे महाखड्ड (गॉर्ज) का निर्माण करती है, जिसे हम दिहांग गॉर्ज कहते हैं |
- ब्रह्मपुत्र नदी जब अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है तो अरुणाचल प्रदेश की दो सहायक नदियाँ दिबांग नदी और लोहित नदी ‘ब्रह्मपुत्र नदी’ से मिलती हैं, तत्पश्चात ब्रह्मपुत्र नदी ,असम राज्य के समतल घाटी में प्रवेश कर जाती है|
- असम के सादिया से लेकर धुबरी तक ब्रह्मपुत्र नदी पूर्व से पश्चिम की ओर एक रैम्प घाटी में प्रवाहित होती है| इस रैम्प घाटी के उत्तर में हिमालय पर्वत तथा दक्षिण में शिलांग का पठार स्थित है|
- सादिया से धुबरी तक प्रवाहित होने के बाद ब्रह्मपुत्र नदी धुबरी से दक्षिण की ओर अचानक मुड़कर बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है| बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी को जमुना नदी के नाम से जाना जाता है|
एशिया टाइम्स में एक ओपिनियन पीस में बर्टिल लिंटर ने लिखा है कि यारलुंग ज़ंगबो नदी पर मेगा-डैम के बारे में सटीक तकनीकी विवरणों की कमी है, लेकिन क्षेत्रीय मीडिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है, कि यह यांग्सी नदी पर बड़े पैमाने पर तीन गोर्ज बांध को बौना कर देगा और तीन बार उत्पन्न करेगा।
गंगा नदी को खिलाने वाले ब्रह्मपुत्र और उसके ग्लेशियर दोनों ही चीन से आते हैं। नदी के ऊपर के क्षेत्र में चीन की एक लाभकारी स्थिति है और इस कारण वह पानी के बहाव को जानबूझकर रोकने के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण कर सकता है। ब्रह्मपुत्र (जिसे चीन में यारलुंग ज़ंगबो कहा जाता है) के साथ चीन की बांध-निर्माण और जल विभाजन की योजना दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव का एक स्रोत है।
ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बांध के निर्माण से संबंधित प्रमुख बिन्दु :
- चीन की शीर्ष विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए 14वीं पंचवर्षीय योजना (2021-2025) को मंजूरी दी। इसमें अरुणाचल प्रदेश सीमा के निकट तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर विवादास्पद जल विद्युत परियोजना भी शामिल है।
- 14वीं पंचवर्षीय योजना में ब्रह्मपुत्र नदी की निचली धारा पर बांध बनाना शामिल था, जिस पर भारत और बांग्लादेश ने चिंता जताई थी। इसके बावजूद भी एलएसी(LAC) के पास निचले इलाकों में बाँध बनाने के लिए चीनी जलविद्युत कंपनियां लंबे समय से निर्माण प्रस्तावों का इंतजार कर रही हैं ।
- चीन ने इस प्रोजेक्ट की घोषणा पिछले वर्ष नवम्बर में की थी । उस वक्त चीन ने कहा था कि यारलंग जैंगबो के निचले क्षेत्रों में बांध बनाना उसका वैध अधिकार है । चीन ने यह भी कहा था कि इस हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के निर्माण के दौरान निचले क्षेत्रों में पड़ने वाले भारत और बांग्लादेश के हितों का ध्यान रखा जाएगा ।
ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बांध निर्माण से भारत-बांग्लादेश पर प्रभाव :
- इस बांध के बन जाने के बाद भारत, बांग्लादेश समेत कई पड़ोसी देशों को सूखे और बाढ़ दोनों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के नाम पर चीन इस नदी पर जो बांध बनाएगा उससे नदी पर पूरी तरह चीन का नियंत्रण हो जाएगा।
- चीन द्वारा बांध के दरवाजे खोलने एवं बंद करने से पानी का बहाव तेजी से भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों की तरफ आएगा। अरुणाचल प्रदेश, असम समेत कई राज्यों में बाढ़ आ सकती है।
- ब्रह्मपुत्र को भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और बांग्लादेश के लिए जीवन का आधार माना जाता है और लाखों लोग अपनी आजीविका के लिए इस पर निर्भर हैं।
- भारत और चीन के बीच कोई जल साझाकरण समझौता नहीं हैं, फिर भी देखा जाये तो नदी के ऊपर के क्षेत्र में चीन की एक लाभकारी स्थिति में है, और इस कारण वह पानी के बहाव को जानबूझकर रोकने के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण कर सकता है। ब्रह्मपुत्र के साथ चीन की बांध-निर्माण और जल विभाजन की योजना दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव का एक स्रोत है।
- The Sangpo River originates from the Chemayungdung glacier of Mount Kailash near Mansarovar Lake in Tibet, called the Brahmaputra when the river descends below the slope of the western Kailash mountain. The Brahmaputra River in China is called the Yarlung Zangbo River.
- Its major tributaries are Dibang, Lohit, Siang, Budhi Dihing, Teesta and Dhansari. The Brahmaputra river cuts the Great Himalayas in Arunachal Pradesh and forms a deep gorge, which we call the Dihang Gorge.
- When the Brahmaputra River enters Arunachal Pradesh, the two tributaries of Arunachal Pradesh join the Dibang River and the Lohit River 'Brahmaputra River', then the Brahmaputra River enters the flat valley of the state of Assam.
- From Sadia to Dhubri in Assam, the Brahmaputra River flows from east to west in a Ramp Valley. In the north of this Ramp Valley lies the Himalayan Mountains and the Shillong Plateau in the south.
- After flowing from Sadia to Dhubri, the Brahmaputra river suddenly turns south from Dhubri and enters Bangladesh. In Bangladesh, the Brahmaputra River is known as the Jamuna River.
- In an opinion piece in the Asia Times, Bertil Linter wrote that precise technical details about the mega-dam on the Yarlung Zangbo River are lacking, but regional media reports indicate that it is largely a three-gorge dam on the Yangsi River. Will dwarf and generate three times.
- The National People's Congress (NPC), China's top legislature, approved the 14th Five-Year Plan (2021-2025) for national economic and social development. It also includes the controversial hydropower project on the Brahmaputra River in Tibet near the Arunachal Pradesh border.
- The 14th Five-Year Plan included building a dam on the lower stream of the Brahmaputra River, to which India and Bangladesh expressed concern. Despite this, Chinese hydropower companies have been waiting for construction proposals for a long time to build dams in low-lying areas near LAC.
- China announced this project in November last year. At that time China had said that it was its legitimate right to build dams in the low lying areas of Yarlung Zangbo. China also said that during the construction of this hydro power project, the interests of India and Bangladesh falling in the lower regions will be taken care of.
- After the construction of this dam, many neighboring countries including India, Bangladesh are likely to face both drought and floods. In addition, the dam that China will build on this river in the name of hydropower project will completely control China on the river.
- Due to the opening and closing of the dam doors by China, the flow of water will come rapidly towards the north-eastern states of India. Floods may occur in many states including Arunachal Pradesh, Assam.
- The Brahmaputra is considered the basis of life for India's northeastern states and Bangladesh and millions of people depend on it for their livelihood.
- There are no water sharing agreements between India and China, yet if seen, China is in a beneficial position in the upstream area, and hence it can build the infrastructure to deliberately stop the flow of water. China's dam-building and water division plans along the Brahmaputra are a source of tension between the two neighbors.
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